未完の完

題名不明 2000〜2005年頃 油彩 163×130cm

गुरुवार को पिछले सप्ताह मई का तापमान बताया गया था।、शुक्रवार के बाद、मौसम का पूर्वानुमान फरवरी की ठंड की वापसी का था।、आज सुबह भी गर्मी है。शायद इस साल पहले से ही वसंत आ गया है。मुझे लगा कि बगीचे में बर्फ़ है! ऐसा लगता है जैसे रात में बारिश हुई हो。

वसंत दुःख、एक शब्द है。आख़िरकार मेरे शरीर में कुछ भी ग़लत नहीं है।、वह कहते दिख रहे हैं कि वह किसी तरह उदास महसूस करते हैं।。अब सचमुच वसंत आ गया है。ऐसा लगता है जैसे सब कुछ धीरे-धीरे पीछे की ओर घूम रहा है।、खराब मूड。दिल ठीक है、क्या आपको लगता है कि आपके हृदय में कोई समस्या है?

तस्वीर में मौजूद पेंटिंग को भी हाल ही में हटा दिया गया था।。मैंने इसे अधूरा छोड़ दिया。मुझे इसे कैसे ख़त्म करना चाहिए?、क्योंकि मुझे समझ नहीं आया。सालों तक इस बारे में सोचने के बाद भी、मेरी समझ में नहीं आया।。मैं अभी भी नहीं जानता。शायद、जो बनाना चाहिए वह मैं पहले ही बना चुका हूं।。मेरी भावनाएं तो यही कहती हैं、मैं इसके साथ नहीं रह सकता.。इससे पहले कि मैं इसे समझ पाता、चित्र पूरा हो गया है。शायद तस्वीर ऐसी ही होती है。अभिव्यक्ति भी रोचक है。

倉庫から

「海峡」 1996 油彩 160×130cm

倉庫で作品の整理と木枠からの引き剥がし作業をしていて古い油絵を引っ張り出した油彩画をやめてから30年以上だと思っていたが時々は描いていたことになる保存状態は良好だった

अब इसे देख रहे हैं、イメージにムラがあるなど完成度は高くないが湧き上がるイメージをそのままどんどん描いていく率直さがあってタッチにも伸びやかな若さを感じる古典絵画の勉強も少しはしていたからそういう面も素直に現れていると思う。हाँ、一言で言えば自分に素直な絵だ

この頃は3m、4mという大作も含め一年に120〜150枚は描いていた注文などいっさいないのにほとんど朝から晩まで描きづめそれが何年間か続いていたはずどうしようもなく暇で他にやることが無かったのだろう二度の大きな引っ越しの際にそれぞれ数百枚ずつ剥ぎ取った絵が山になったのを覚えている懐かしい時代の遺物

 

漂う世界

漂うひと

ऐसा कहा जाता है कि इस वर्ष की दूसरी छमाही में एक और अल नीनो घटना घटित होने की संभावना है।。कुछ ही वर्षों में जापान में जितने लोग पैदा होंगे, उससे दोगुने लोग मरेंगे।、ऐसा प्रतीत होता है कि तत्काल देखभाल का अभाव है।。वहीं दूसरी ओर、दुनिया की आबादी 8 अरब के करीब पहुंच रही है、भोजन और ऊर्जा पर प्रतिस्पर्धा और भी तीव्र हो जाएगी।、अधिक पक्षपाती हो जाओ。दुनिया भर में संघर्ष हो रहे हैं, जिससे शरणार्थी भ्रमित हो रहे हैं।、इससे विवाद और अधिक बढ़ जाता है。कॉर्पोरेट जगत में स्वचालन लगातार आगे बढ़ रहा है、अधिकांश युवा नौकरी ढूंढना छोड़ देते हैं。

आप क्या सोचते हैं、मुझे क्या करना चाहिए。क्या ठीक है、अगर आपको लगता है कि अब कोई नहीं जानता、ऐसा लग रहा है。एक ऐसा समय जब रुकना और सोचना मुश्किल है。"अरब स्प्रिंग" कहाँ गया?。इसके बारे में अब कोई बात भी नहीं करता。