
यह बहुत देर हो चुकी है चाहे आप क्या करें。कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं कितनी जल्दी कोशिश करता हूं、मेरी भावनाएं बस घबरा रही हैं、मैं उद्देश्य, लक्ष्य या विधि नहीं जानता、उसके लिए गति भी धीमी है、लोगों की पीठ बस दूर चलती रहती है。एक सपना या एक वास्तविकता、बस उस भावना की तरह。यह गिरावट नहीं है。
मुझे यकीन है कि मैं उस मूड में अकेला नहीं हूं、मुझे लगता है कि हर कोई इसे ज़ोर से कहना नहीं चाहता है。यह सिर्फ उस भावना को तेज करता है。
मैं नहीं रोक सकता。पिछली बार मैंने अपने समय के बारे में लिखा था。मैंने इसे कुछ हद तक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ लिखा、जब मैं अपने पैरों को देखता हूं, तो मुझे एहसास होता है कि कोई जमीन नहीं है。मुझे नहीं पता कि मैं कहाँ खड़ा हूँ。मैंरे पास क्या है、इस स्थिति को क्या बदल सकता है?。मुझे लगता है कि मेरे पास कुछ भी नहीं है。क्या आपने इसे खो दिया?、या आपके पास शुरुआत से ही नहीं था?。