
दूसरों को समझाते हुए कि आप विस्तार से क्या जानते हैं、"कृपालु परिप्रेक्ष्य" बनें、अक्सर इसे आगे बढ़ाते हैं。भले ही मुझे इसका पछतावा हो、तुरंत भूल जाओ और एक ही चीज़ को दोहराएं。
यदि आप थोड़ा गहरा जाते हैं,、जो आप विस्तार से जानते हैं उसकी सामग्री、यह इतना अंतर नहीं है。इसीलिए、वास्तव में इसे आगे बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं थी。